में आज आप सभी को मेरी और मेरी भाभी की एक कहानी बताने जा रहा हूँ, जो मेरे जीवन में कुछ समय पहेले ही घटित हुई जिसने मेरा जीने का तरीका ही बदल दिया और में अब उन दिनों को हमेशा याद किया करता हूँ और आज में अपनी उसी घटना को आप सभी को थोड़ा विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ, में हरियाणा में रहता हूँ और जब मेरे कज़िन भाई की शादी हुई तब में 25 साल का था। मेरा भाई और में बहुत नजदीक थे, मेरे भाई का नाम शिवम है और मेरा नाम सुहाश है। मेरा शिवम के घर पर बहुत आना जाना रहता था और शिवम की शादी एक लव मेरेज थी तो उसकी बीवी और मेरी भाभी शिवम से १ साल बड़ी थी और वो मुझसे 5 साल बड़ी थी और फिर उनकी शादी के एक या दो साल के बाद में और भाभी एक दूसरे से बहुत बातें हंसी मजाक करने लगे और तब भाभी उस समय 30 साल की थी.
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हम दोनों में बहुत हँसी मज़ाक होता था। मेरा ऑफिस पार्ट टाईम था और में दोपहर को ऑफिस से दो बजे अपने घर पर आ जाता था और में सीधा भाभी के घर जाता था, लेकिन में जब भी उनके घर पर जाता था तो भाभी हमेशा टाईट टी-शर्ट और एक छोटी सी स्कर्ट में रहती थी और वो कपड़े उनके जिस्म के कुछ हिस्से को ढक तो लेते थे, लेकिन उनके जिस्म को बाहर से पूरी तरह प्रदर्शित करते थे, जिसमें से उनके बुबू का साईज पूरी तरह साफ साफ दिखता था। दोस्तों उनके बुबू बहुत बड़े थे और बूटी भी, जिन्हें देखकर किसी का भी लुलु झटके मारने लगता और वैसे मैंने बहुत दिनों से मुठ नहीं मारी थी। मेरा ध्यान उस दिन भी भाभी के बुबू की तरफ जा रहा था और में उनके जिस्म को देखकर बहुत ज्यादा गरम हो रहा था। तो मैंने भाभी से कहा कि भाभी तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और में ऐसा कहने के बाद बहुत डर गया था, लेकिन मेरी भाभी ने बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसने कहा कि हाँ में भी तुमसे प्यार करती हूँ।
दोस्तों हम भाभी देवर और एक बहुत अच्छे दोस्त भी है, तो दोस्ती में कभी कभी प्यार भी होता है और भाभी ने उसी तरीके से वो लिया और मैंने मन में कहा कि चलो इतना तो वो जान गयी और कुछ महीने एस ही बीते एक दिन मैंने भाभी को फोन किया और कहा कि भाभी आज हम बाहर कहीं मिलेंगे। तो भाभी ने कहा कि ठीक है हम मिलेंगे और भाभी हर शाम को जिम जाती थी इसलिए वो बोली कि ठीक है में घर पर फोन करके कह दूंगी कि आज मुझे घर पर आने में थोड़ी देर होने वाली है। तो मैंने कहा ठीक है फिर तो हम शाम को 7.00 बजे गार्डेन में मिलेंगे और में 7 बजे गार्डेन में पहुंच गया और मेरे वहां पर पहुंचने के दस मिनट के बाद भाभी आ गई और भाभी ने एक बहुत मस्त साड़ी पहनी हुई थी और उस साड़ी में वो एकदम सेक्सी पटाखा लग रही थी। उनका एकदम गोल फिगर, पतली कमर, गहरी सी नाभि और बूटी बहुत जबरदस्त लग रही थी और फिर हम दोनों गार्डेन में एक जगह पर बैठ गए और एक दूसरे से इधर उधर की बातें करने लगे और अब मेरा ध्यान उनके बूब्स पर था और तभी बातें करते करते मैंने जोश में आकर भाभी का हाथ मेरे हाथ में ले लिया और भाभी एकदम चुपचाप हो गई और फिर मैंने कहा कि क्यों भाभी बुरा तो नहीं लगा? लेकिन वो कुछ नहीं बोली और हम रोमेंटिक बातें करने लगे थे और मैंने जानबूझ कर यह टॉपिक शुरू किया था। तो मैंने भाभी से पूछा कि भाभी आप 20-22 साल की उम्र में तो बहुत सुंदर रही होगी? तो वो बोली कि हाँ तब मेरे कॉलेज में सब मेरे फिगर को घूर घूरकर देखते थे और में दिखने में बहुत अच्छी लगती थी। तो मैंने कहा कि भाभी में एक बात कहूँ कहीं आप बुरा तो नहीं मानोगे? तो भाभी बोली कि हाँ बिना किसी झिझक के बोलो। तो मैंने कहा कि आज भी तुम्हारा फिगर एकदम मस्त है और वो मेरी तरफ मुस्कुराकर देखने लगी और फिर हम दोनों बिल्कुल शांत बैठे और मैंने उसी वक्त मन में ठान ली कि आज में कुछ ना कुछ जरुर करूंगा और तभी मैंने उनसे कहा कि भाभी मेरे दिल की एक इच्छा है, क्या तुम वो पूरी करोगी? तो झट से वो बोली कि हाँ क्यों नहीं, बताओ क्या इच्छा है? तो मैंने कहा कि मुझे एक बार आपके बुबू को हाथ लगाना है।
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तो भाभी मेरी तरफ एकदम चुपचाप होकर देखने लगी, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और हम थोड़ी देर बाद वहां से जाने वाले थे मगर भाभी मुझसे बोली कि तुम्हारी इच्छा तुम चाहो तो पूरी कर सकते हो और फिर में एकदम पागल हो गया, हम दोनों एक पेड के नीच खड़े हो गए भाभी थोडा घूम गई और में उनके पीछे खड़ा रह गया और पीछे से भाभी के साड़ी के पल्लू के नीचे से हाथ डालकर बूब्स को हाथ लगाया और अब में पागल हो रहा था क्योंकि में आज मेरी भाभी के बुबू को हाथ लगा रहा था, जिस काम को में बहुत समय से करने की सोच रहा था। भाभी के बड़े बड़े बुबू ब्लाउज में समा नहीं रहे थे, लेकिन मैंने ब्लाउज के ऊपर से ही बहुत ज़ोर ज़ोर से दोनों बुबू को दबाने लग गया था। तो भाभी को थोड़ा दर्द हुआ और करीब 2 मिनट तक में बुबू को दबाता रहा और पीछे उनकी बूटी पर अपना लुलु रगड़ता रहा। वोह ज्यादा हरकत ना करते हुए मेरा साथ दे रही थी और में आनंद ले रहा था, फिर भाभी ने कहा बस अब तुम्हारी इच्छा पूरी हो गई हो तो मुझे घर जाना है! में कहा हा चलो चलत है !
फिर हम अपने अपने घर चले गये, लेकिन दो दिन बाद मैंने शाम को 7 बजे भाभी को मोबाइल किया और उनसे पूछा कि क्या आज आप मिलोगी? वो बोली कि आज मुझे जिम में जाना है, तुम ऐसा करो कि शाम को 7.30 बजे मेरे जिम में आ जाओ। तो मैंने कहा कि ठीक है और में 7.30 बजे भाभी के जिम चला गया। भाभी उस समय जिम में बिल्कुल अकेली थी तो वो मुझसे बोली कि आओ बैठो ना और फिर में भाभी के पास बैठ गया उस समय वो कुछ लिख रही थी और हाथ के नीचे से एक साईड से भाभी के ब्लाउज में से उनका एक बुबू बहुत जबरदस्त दिख रहा था और मेरा लुलु उसे देखकर एकदम खड़ा हो गया था। तो मैंने अपनी दोनों जाँघो में अपने लुलु को दबाकर रखा था, भाभी का काम होते ही उन्होंने मुझसे पूछा कि और बताओ कैसे हो? तो मैंने कहा कि आप बोलो कैसी हो? वो बोली कि में बिल्कुल ठीक हूँ। उनका जवाब देने का तरीका आज बिल्कुल अलग था। वो मुझे उनके चहरे से नजर आ रहा था और वो मुझसे हंस हंसकर बातें कर रही थी और फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा कि भाभी उस दिन मैंने आपके बुबू सिर्फ़ दबाए थे, लेकिन मुझे आज में आपके बुबू को देखना भी चाहता हूँ। तो भाभी बोली कि तुम पागल हो क्या? मैंने कहा कि प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ और फिर वो बोली ठीक है, लेकिन एकदम दूर से देखना उन्हे छूना मना है। तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है भाभी जैसा आप कहोगी में वैसा ही करूंगा।
फिर भाभी रूम के दरवाजे के पास गयी और दरवाजे को अंदर से बंद किया, मेरी तरफ मुड़ गई में थोड़ा दूर रुका हुआ था तो भाभी ने धीरे धीरे अपनी साड़ी का पल्लू हटाया, मेरे दिल की धड़कन तेज़ होने लगी थी, मेरी नजरे उनके बुबू पर एकदम टिकी हुई थी। मेरा लुलु भी अब धीरे धीरे अपने आप हल्के हल्के झटके देने लगा था। फिर भाभी ने अपने ब्लाउज और ब्रा को थोड़ा ऊपर किया और तभी उनके बड़े बड़े बुबू एकदम लटकते हुए बाहर आ गए जैसे कोई आम लटके हुए हो वैसे वो झूल रहे थे। दोस्तों मुझे तो मज़ा ही आ गया, क्योंकि आज मेरी नजरों के सामने मेरी भाभी खुद अपना ब्लाउज और ब्रा ऊपर करके मुझे अपने बुबू दिखा रही थी और में धीरे धीरे से मौका देखकर उन्हे छूने, महसूस करने, दबाने की इच्छा मन में लेकर नज़दीक आने लगा। तो भाभी ने एकदम झटके से अपने ब्लाउज को नीचे कर दिया, लेकिन में अब एकदम पागल हो गया था। तो भाभी ने मुझसे पूछा कि क्यों अच्छे लगे मेरे बुबू? मैंने कहा कि भाभी आप बहुत सेक्सी हो। में तब तक भाभी के बहुत करीब आ चुका था और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हे खींच लिया, लेकिन मैंने पहली बार अपनी भाभी को अपनी तरफ खींचकर गले लगाया।
उनके बड़े बड़े बुबू मेरी छाती पर डब रहे थे। वो मेरे जीवन का एकदम अलग अहसास था और फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए भाभी की बूटी की दरार में अपनी उंगली डाली और उंगली को ज़ोर से दबाई तो वो मेरे उंगली करने और बूटी पर हाथ घुमाने से अब मदहोश होने लगी। तो मैंने कहा कि भाभी आज में आपको मेरा खड़ा हुआ लुलु दिखाना चाहता हूँ, क्या में आपको दिखाऊँ? तो भाभी बोली कि नहीं, अभी नहीं। यहाँ हमे कोई भी देख सकता है, ऐसा फिर कभी करना। अभी यहाँ से चलो तो में कहा भाभी ये आपका जिम है यंहा आपको दर कैसा ? और सब कोई हमें जनता है अगर कोई आ गया तो कह देंगे की हम हिसाब किताब कर रहे थे और में आपको हेल्प करने यंहा आया हूँ. तो भाभी ने कहा ठीक है और ठीक है सुनत ही में भाभी को अपनी बाहों से अलग किया और अपने पेंट की जीप खोली तो भाभी न कहा तुम रहें दो में निकलती हूँ फिर भाभी ने मेरे पेंट के अंदर हाथ डाला और धीरे से मेरे लुलु को बहार निकला उनकी नज़रे वन्ही पर थी जो मेरे लुलु को देखके बड़ी हो गई थी, भाभी ने कहा ये तो पानी छोड चूका है तो मेंने कहा की हा भाभी, फिर भाभी ने कहा चलो अगर ये दो मीनिंट में फिर से खड़ा हो गया तो में तुम्हे सरपराइज दूंगी, तो में कहा आप आपके बुबू बहार निकालो ये खड़ा हो जायेगा, भाभी ने तुरंत ही अपने दोनों बुबू ब्लाउज को ऊपर करके मरी नजरो के सामने रख दिए जिसे देख के तुरंत ही मेरा लुलु फिर से खड़ा हो गया और भाभी ने ये कहेते हुए की यह रहा तुम्हारा सरपराइज मेरा लुलु अपने मुह में ले लिया और उसे लोलिपोप्प की तरह चूसने लगी करीब 5 मिनिट के बाद मेने भाभी को कहा भाभी आप मेरी गोदी में बेठ जाओ मुझे आपको घोड़े सवारी करानी है, भाभी भी पानी पानी हो रही थी यह सुनते ही उन्होंने ज्यादा कपडे निकले बगर सिर्फ अपनी पेंटी निकली और अपनी साडी ऊपर करके मेरे लुलु को पकड़ कर सीधा किया और उसके ऊपर बेठ गई और मं उनको पीछे से पकड के ज़टके देने लगा और वोह भी मेरा पूरा साथ देते हुए उछल उछल कर घोड़े सवारी करती रही और में उनके बुबू दबाते हुए करीब 10 मिनिट तक ज़टके देता रहा और मेरा पानी निकल ने ही वाला था तो मेने कहा भाभी में जड़ ने वाला हूँ यह सुनते ही वोह खड़ी हो कर मेरी तरफ निचे बेठ के मेरा लुलु मुह में ले लिया और लोलीपोप करने लगी जिससे में उनक मुह में ही जड़ गया.
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फिर दो दिन बाद मैंने अपने घर से थोड़ी सी दूरी पर एक छोटी सी पार्टी रखी, लेकिन मैंने सिर्फ़ उसमे भाभी और भाई को ही बुलाया था और हम तीनों एक बड़े गार्डेन रेस्टोरेंट में गए। मैंने और भैया ने रम का ऑर्डर दिया, भैया ने भाभी से कहा कि क्यों तुम भी कुछ लोगी? तो भाभी ने वोड्का मँगवाई और मैंने जानबूझ कर बहुत कम पिया, लेकिन भैया 6 से 7 पेग पि गए थे और भाभी दूसरा पेग पी रही थी और अब भाभी भी मूड में आ चुकी थी।
तो भाभी तब बहुत सजधज कर आई थी और उन्होंने हरे कलर की साड़ी और हरे कलर का ब्लाउज पहना हुआ था। में टेबल के नीचे से भाभी के पैरों को अपने पैर से स्पर्श कर रहा था और उस समय रात के 11 बज चुके थे और हम तीनों बातें कर रहे थे और हंसी मज़ाक कर रहे थे और टेबल के नीचे से मेरा काम चालू था। तो भाई उठकर टॉयलेट के लिए चला गया और मैंने तुरंत मेरा पैर भाभी की साड़ी के अंदर डाला तो भाभी ने भी अपने दोनों पैर एक दूसरे से थोड़े अलग किए जिसकी वजह से मेरा पैर भाभी के जाँघो तक गया और मैंने ज़ोर से पैर को अंदर डाला। मेरे पैर को भाभी की पेंटी महसूस हुई जो चूतरस से बिल्कुल गीली थी। तो मैंने भाभी को पूछा कि अंदर कौन से रंग की पेंटी पहने हुई हो? तो भाभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ा शरमाई, मैंने कहा कि क्यों बताओ ना भाभी? तो वो बोली कि हल्के भूरे रंग की है और उस पर हल्के पीले रंग के फूल बने हुए है। तो मैंने पैर की उंगलियों से वंहा रगड़ना चालू किया और अब भाभी भी बहुत जोश में थी। वो मेरे पैर को आगे तक जाने दे रही थी, लेकिन कुछ देर बाद भाई को वापस आते देखकर मैंने अपने पैर को हटाया और भाभी को इशारा किया और फिर वो भी अपने कपड़ो को ठीक करने लगी। फिर हम कुछ देर बाद अपने अपने घर पर चले गये और जब भी मुझे मौका मिलता है में उनसे आनंद प्राप्त करता हूँ और उनके साथ मौज करता रहता हूँ! अगर आपको मेरी यह कहानी पसंद आई हो तो जरुर कमेन्ट बोक्स में लिखे।
Devar bhabhi ka chudai silsila samaj me bohot purana n sbki psandwala h..
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