मेरा नाम सिद्धार्थ है, मेरी उम्र 25 और में "बेंगलुरु" का रहने वाला हूँ। मेरी हाईट 5.9 इंच है, बॉडी नॉर्मल और रंग सांवला है और मेरा 7 इंच लंबा है। दोस्तों आज में जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे सपनों को साकार करने का प्रतीत है। यह जनवरी महीने की बात है जिस दिन वेलेंटाइन था। में घर पर बिल्कुल अकेला ही था, मम्मी, पापा किसी रिश्तेदार की शादी में हफ्ते भर से बाहर थे और में यह बात जानता था कि में आज घर में रात के 10 बजे तक अकेला ही हूँ। तो में कंप्यूटर पर बैठे सर्फिंग कर रहा था कि तभी दोपहर के 12 बजे के करीब मेरे मोबाइल की घंटी बजी और मैंने कॉल उठाया तो वो मेरी सबसे छोटी मौसी का कॉल था। दोस्तों फोन की आगे की बातें बताने से पहले में मेरी मौसी का परिचय करना चाहूँगा, वो एक 38 साल की एक विधवा औरत है और उनकी एक बेटी है, लेकिन वो भी मुंबई में ही रहती है। उनका रंग गोरा है और हाईट 5.5 इंच है और उनका फिगर एकदम कमाल का सेक्सी है उसका साईज 36-28-38 है।
में उनके साथ हमेशा फ्लर्ट करता रहता हूँ और वो भी मेरी बातों का बराबर जवाब देती है। फिर मैंने उनका कॉल उठाया और हमेशा की तरह मैंने उनसे बात शुरू कर दी। हैल्लो सेक्सी, कैसी हो? और इतने सुबह कैसे याद किया? मौसी थोड़ी हंस पड़ी और बोली कि शायद तू कहीं बाहर है इसलिए ऐसा कह रहा है? तो मैंने बोला कि नहीं में तो बस आपके ही कॉल का इंतजार कर रहा था और में घर पर बिल्कुल अकेला हूँ। वो बोली कि ऐसा क्यों? मैंने बताया कि आज वेलेंटाइन डे है और आपसे ज़्यादा दूसरी खूबसूरत लड़की याद ही नहीं आ रही, वो हंस पड़ी और बोली कि में यहाँ तुम्हारे घर के पास वाले शोपिंग मोल में आई हूँ और में घर का फोन ट्राई कर रही थी, लेकिन कॉल ही नहीं जा रहा था, इसलिए तुम्हे याद किया। तो मैंने कहा कि चलो मुझे काम से ही सही, लेकिन याद तो किया, कहो क्या खिदमत करूं में आपकी? तो मौसी बोली कि क्या तुम यहाँ पर आ सकते हो मुझे थोड़ा और सामान भी लेना है। मैंने थोड़ा सोचा और फिर हाँ कर दी और मैंने तुरंत तैयार होकर घर लॉक किया और मौसी से मिलने बाहर निकाला। में जब व्हाँ पर पहुँचा तो में बस उन्हे देखता ही रह गया, क्योंकि मौसी ने एक मस्त सी काली कलर की जालीदार साड़ी पहनी हुई थी और काले कलर का ब्लाउज जो कि पीछे से खुला हुआ था और बस पतली सी डोरी से अटका हुआ था और सामने की तरफ से मौसी की थोड़ी छाती दिख रही थी और वो ग़ज़ब की सेक्सी दिख रही थी। तो मैंने कुछ देर इंतज़ार किया और फिर मौसी सामान लेकर बाहर आ गयी, मैंने उनसे सामान लिया और फिर बोलने लगा कि
में : अरे क्या बात है आज शायद वेलेंटाइन बनाने का इरादा है?
मौसी : लेकिन तुम्हे ऐसा क्यों लगा?
में : इतनी सेक्सी दिख रही हो कि थोड़े टाइम के लिए में खुद को कोस रहा था।
मौसी : क्यों कोस रहे थे?
में : क्योंकि आप मेरी मौसी है और दिल कर रहा था कि अभी आपको प्रपोज़ कर दूँ।
तो मौसी हंस पड़ी और बोली कि तू पागल ही है और तू मेरे साथ हमेशा ऐसी ही बातें करता रहता है।
में : अगर आप कहो तो में बात करना बंद कर दूँ?
मौसी : मैंने ऐसा कब कहा कि मुझे तुम्हारी बातों से ऐतराज़ है?
में : तो में क्या एक और बात कहूँ?
मौसी : हाँ बोलो?
में : क्या में जब तक आपके साथ बाहर हूँ, तब तक क्या में आपको नाम से बुला सकता हूँ?
मौसी : वो क्यों? और वो मेरी तरफ देख रही थी।
में : बस ऐसे ही और में सर झुकाकर खड़ा हुआ था।
मौसी : लेकिन ऐसे ही क्यों इसकी कोई ख़ास वजह?
तब मैंने मेरा चेहरा उठाया तो उन्हे हल्का मुस्कुराता हुआ पाया।
में : वो बात यह है कि आज वेलेंटाइन डे है और आज के दिन हर कोई अपने पार्ट्नर के साथ रहता है और मेरी तो फिलहाल कोई पार्ट्नर नहीं है। तो मैंने सोचा जब तक आपके साथ हूँ तब तक थोड़ा एंजाय करूं, आपको अपनी गर्लफ्रेंड की तरह घुमाऊँ, लेकिन आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो और में मौसी को देखता ही रह गया। वो ज़ोर से हंस पड़ी और बोली कि तुम सच में पागल ही हो, चलो अब कोई बात नहीं, हम जब तक बाहर है तब तक में तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ और तुम मेरा नाम ले सकते हो।
में : धन्यवाद मौसी।
मौसी : क्या तुम अपनी गर्लफ्रेंड को मौसी बुलाते हो? तो में हंस दिया और बोला कि ओह सॉरी विनीता।
मौसी : हाँ अब ठीक लगा सुनकर।
फिर हम एक दूसरे मोल में चले गये। मौसी को वहां पर उनकी बेटी के लिए शॉपिंग करना था मौसी जीन्स और कुछ टॉप्स खरीद रही थी तभी में उनके पास में आया और उनके पीछे से कमर पर हाथ रखते हुए अपनी तरफ खींचा, मौसी थोड़ी चौंक गयी और बोली कि सिद्धार्थ यह क्या कर रहे हो?
में : विनीता में बस तुम्हारी कमर का नाप ले रहा हूँ कहीं तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है ना?
तभी वो शांत हुई और फिर से मुस्कुराती हुई बोली कि मुझसे पूछ लेते तो में क्या तुमसे छुपाती थोड़े?
में : अगर में तुमसे पूछ लेता तो तुम्हारी कमर को छूने का मौका नहीं मिलता और में मुस्कुराकर देख रहा था।
मौसी : ठीक मेरी कमर 28 है क्या और कुछ पूछना है?
में : बस कुछ छूना बाकी है और यह कहते हुए मैंने कमर से हाथ निकालते टाइम उनकी गांड को सहला दिया और उनके चेहरे की तरफ देखता रहा, लेकिन उन्होंने एसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई, बस हल्की सी मुस्कुराई।
तो मैंने फिर उनसे पूछा कि आपका साइज़ क्या है?
मौसी : तुझे वो क्यों जानना है?
में : बस एक गिफ्ट देना है इसलिए।
तो वो शायद समझ गयी कि गिफ्ट क्या होगा और मुस्कुराकर देख रही थी और फिर वो बोली कि 38, और मैंने खुश होकर उनके बूब्स की तरफ देखा और कहा कि इसका तो उन्होंने तुरंत 36 बोल दिया और कहा.
मौसी : अब मुझे शॉपिंग करने दे।
फिर मैंने कुछ देर बाद उन्हे वहीं पर छोड़ दिया, वो अपनी खरीददारी में व्यस्त थी और में कुछ समय बाद घूमने के बहाने मॉल के दूसरी तरफ गया और मैंने वहां से मौसी के लिए डोरी वाली ब्रा और एक काली कलर की पेंटी और एक रेड कलर की टी-शर्ट ली और एक शोर्ट लिया और फिर में लेकर मौसी के पास पहुंचा। उनकी शॉपिंग भी लगभग ख़त्म ही हो गई थी, मुझे देखकर वो पूछने लगी कि कहाँ चला गया था?
में : आप तो मुझे भाव ही नहीं दे रही थी तो में किसी और को ढूंढने चला गया था।
मौसी : क्या कोई मिली?
में : विनीता तुम्हे देखने के बाद कोई और अच्छी नहीं लगी तो में तुम्हारे लिए ही कुछ शॉपिंग करके ले आया।
मौसी : लेकिन इसकी क्या ज़रूरत थी? और मैंने तो नहीं कहा था।
में : विनीता आज वेलेंटाइन डे है और में मेरी गर्लफ्रेंड को बिना गिफ्ट दिए कैसे छोड़ सकता हूँ? और में मुस्कुराकर उनकी तरफ देखने लगा।
मौसी : क्यों क्या लाए हो? अब वो तो बताओ।
में : नहीं, वो तो में घर पर चलकर ही बताऊंगा।
मौसी : चलो फिर ठीक है।
फिर शॉपिंग ख़त्म हुई और हम वहीं पर एक रेस्टोरेंट में लंच के लिए गये और सामान पकड़कर मौसी के साथ घर पर चला आया और जब में लॉक खोल रहा था तो मौसी पूछने लगी कि क्या घर पर कोई नहीं है?
में : तुम आने वाली थी तो मैंने सभी को घर से भगा दिया, आख़िर तुम्हारे साथ थोड़ा टाईम अकेले में भी बिताने का मौका मिलेगा और दरवाज़ा खोलकर हम अंदर चले गये। तो मैंने दरवाज़ा लॉक किया और फिर हम एक ही सोफे पर बैठ गये और थोड़ी देर साँस लेने के बाद मैंने बोला कि विनीता, श्रेया ( मौसी की बेटी ) कितने दिनों के लिए खंडाला जा रही है?
मौसी : अब हम घर आ गये है और अब तुम मुझे नाम से मत बुलाओ।
में : जब तक हम अकेले है तब तक तो मुझे मेरी गर्लफ्रेंड का नाम लेने दो।
मौसी : अरे हाँ मुझे गर्लफ्रेंड से याद आया क्यों तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए क्या गिफ्ट खरीदा?
में : वो में आपको क्यों बताऊ? मेरी गर्लफ्रेंड के लिए है मौसी, में उन्हे जानबूझ कर चिढ़ा रहा था।
मौसी : ठीक है बाबा जब तक कोई नहीं आता तो तुम मुझे गर्लफ्रेंड ही समझो, क्यों अब खुश हो ना?
तो में झटसे उनके गले लग गया और फिर बोला कि हाँ डबल खुश और में सोफे से उठकर खड़ा हुआ और मेरा बेग लेने लगा।
मौसी : श्रेया (उनकी बेटी) 5 दिन के लिए खंडाला जा रही है।
में : क्या तुम भी कभी मेरे साथ खंडाला चलोगी?
मौसी : में अब वहां पर जाकर क्या करूंगी? मेरी तो उम्र हो गयी है।
तो मैंने गिफ्ट का बॉक्स निकाला और उन्हे देते हुए कहा कि में तो आपको आज भी दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की मानता हूँ और में कुछ देर तक उन्हे देखता ही रह गया। मौसी को थोड़ा अजीब सा महससू हुआ और फिर वो बोली कि मेरे लिए क्या है, बताओ?
तो मैंने सबसे पहले उनका टी-शर्ट का बॉक्स खोला और उन्हे दिखाया, वो हंस पढ़ी और बोली कि वो टी-शर्ट का क्या करेगी?
में : प्लीज विनीता एक बार मेरे लिए पहनोगी।
तो मौसी थोड़ा हिचकिचाई और फिर कहने लगी कि लेकिन इसके नीचे पहनने के लिए जीन्स नहीं है और ना ही कोई पेंट फिर इसका क्या फायदा? तो में मुस्कुराया और मैंने उनके लिए खरीदकर लाया हुआ शॉर्ट्स का बॉक्स खोला और उनको वो शॉर्ट्स दिखाया।
मौसी : इतना छोटा में नहीं पहन सकती क्या तुम पागल तो नहीं हो गये हो? में यह कैसे पहन सकती हूँ?
में : प्लीज विनीता तुम्हे में और भी बोल्ड और सेक्सी देखना चाहता हूँ। प्लीज एक बार मेरे लिए पहनोगी और आज घर में कोई भी नहीं है सभी लोग रात को देर से आएँगे तो तुम यह सब बे झिझक पहन सकती हो।
मौसी : लेकिन?
तो में उनकी बात को काटते हुए बोला कि लेकिन वेकिन कुछ नहीं, तुम्हे बस आज यह पहनना है, मौसी मुस्कुराकर बोली कि और तू क्या क्या शैतानी सोच रहा है और यह दूसरा डिब्बा किस के लिए है? तो में बोला कि विनीता तुम्हारे लिए ही है।
मौसी : इसमें क्या है?
में : तुम खुद ही देख लो और मैंने वो डिब्बा आगे कर दिया। उन्होंने जैसे ही डिब्बा खोला तो वो चौंककर सिर्फ़ देखती ही रह गई।
मौसी : यह क्या है? में तो यह सब बिल्कुल भी नहीं पहन सकती हूँ।
में : प्लीज विनीता सिर्फ एक बार मेरे लिए।
मौसी : नहीं मतलब कि नहीं।
में : यह तुम पहनोगी तो उसके ऊपर से यह टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन लेना कुछ नहीं होगा प्लीज।
मौसी : नहीं सिद्धार्थ, यह सब मुझसे नहीं होगा।
में : प्लीज विनीता, वरना मेरा दिल टूट जाएगा।
मौसी : मैंने एक बार नहीं कहा ना और वो एकदम उठकर अंदर के रूम में चली गई।
तो में बाहर ही हॉल में बैठा हुआ दुखी हो रहा था और जब में अंदर गया तो देखा कि दरवाज़ा बंद था मैंने दरवाज़ा खटखटाया तो मौसी अंदर से बोली कि सिद्धार्थ अभी कुछ मत कहो। मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था और तुम मेरे साथ ऐसा सोचते हो तुम्हे तो शरम आनी चाहिए। तो में वहीं दरवाज़े पर बैठ गया और रोने लगा, में रोते हुए उससे बात भी करने लगा।
में : मौसी में नवमी कक्षा में था तब से ही में आपको पसंद करता हूँ और में यह नहीं जानता हूँ कि में जो कुछ भी सोच रहा हूँ वो सही है या ग़लत, लेकिन मेरा दिल हमेशा से तुम्हे ही चाहता आया है और अब तक कई लड़कियाँ मेरी ज़िंदगी में आई और चली गयी, लेकिन आप आज भी मेरे लिए बहुत ही ख़ास हो।
मौसी : चुप करो यह सब, तुम पागल हो गये हो और ऐसा कभी भी नहीं हो सकता।
में : प्लीज मौसी ऐसा मत कहो में सच में आपको बहुत प्यार करता हूँ।
मौसी : प्लीज चुप हो जाओ।
में : मौसी सच में, में आज भी आपके ही सपनो में डूबा रहता हूँ।
मौसी : प्लीज अब बस करो।
में : मौसी में चुप हो जाऊंगा, लेकिन पहले आप मेरे सवाल का जवाब दो।
मौसी : कैसा सवाल?
में : में जब भी आपसे फोन पर बात करता तो हमेशा आपसे फ्लर्ट करता था, लेकिन तब भी आपने कभी मुझे क्यों नहीं रोका?
मौसी : वो तो तुम मुझसे मज़ाक करते थे इसलिए में भी।
में : पहले अपने दिल से पूछो कि में जब भी फ्लर्ट करता था तो तुम्हारे चेहरे पर जो मुस्कान आती थी, क्या वो झूठी थी? तो मौसी का कोई जवाब नहीं आया और वो बिल्कुल चुपचाप हो गई।
में : में हमेशा आपके एक बुलावे पर हाज़िर हो जाता था और आप भी यह जानती थी कि में आपको पसंद करता हूँ फिर आप ही बताओ कि क्या आपने अपने काम के लिए मेरा फायदा नहीं उठाया?
तो अब भी मौसी को कोई जवाब नहीं आया। तो मैंने थोड़ी देर इंतजार किया और फिर में बोला, सॉरी मौसी में यह सब नहीं कहना चाहता था, लेकिन मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि आज वेलेंटाइन डे है और आज सबसे पहले मैंने जब आपका कॉल देखा तो बस दिल में एक ही ख्याल आया कि शायद आज में आपसे यह बात कर लूँ तो मैंने ऐसा ही किया, लेकिन मेरी किस्मत ही खराब है। में फिर से दरवाज़े पर खड़ा हुआ और बोला कि में सिर्फ़ आप से एक ही बात पूछना चाहूँगा विनीता क्या तुम मेरा वेलेंटाइन बनना चाहोगी? में कुछ और मिनट वहीं पर खड़ा रहा और फिर में निराश होकर बाहर हॉल की तरफ जाने लगा। तभी पीछे से दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और मौसी सामने ही खड़ी हुई थी और वो भी रो रही थी। तो मुझसे देखा नहीं गया और में फिर से घूमकर हॉल की तरफ जाने लगा तो तभी पीछे से आवाज़ आई हाँ और में चौंक कर रुक गया और मैंने घूमकर मौसी की तरफ देखा तो वो तभी हल्की सी मुस्कुराई और फिर से बोली कि हाँ में बनना चाहती हूँ। में बस उनकी तरफ दौड़ा और उन्हे कसकर गले लगा लिया और एक टाईट किस लिया। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और करीब 2 मिनट के किस के बाद वो बोली कि मुझे माफ़ कर दो। तो मैंने फिर से किस लिया और कहा कि लेकिन में एक शर्त पर माफ़ करूँगा वो मुस्कुराई और बोली कि वो कौन सी शर्त?
में : मेरे गिफ्ट को अपनाना होगा?
मौसी : बस इतनी सी बात, में अभी ट्राई करती हूँ।
तो वो मेरा हाथ पकड़कर हॉल में चली आई और वो मेरे गिफ्ट को उठाने के लिए झुकी तो मैंने सीधा पीछे से उनके बूब्स को पकड़ लिया और बहुत ज़ोर से दबा दिया।
मौसी : अह्ह्ह प्लीज छोड़ो पहले तुम्हारे गिफ्ट को तो ट्राई करने दो।
में तो उन्हे देख रहा था, वो उस वक्त पूरी शरारत से भरी हुई थी।
में : विनीता मेरे सामने ही बदलना।
मौसी : ठीक है मेरी जानू।
पहली बार मौसी के मुहं से जानू शब्द सुनकर में सातवें आसमान पर सैर करने लगा और मैंने फिर से उन्हे मेरी तरफ खींचा और ज़ोर से स्मूच कर लिया और जैसे ही उन्हे छोड़ा तो वो बोली कि तुम बहुत शरारती हो।
में : इतने सालों से में आज के दिन का ही इंतजार कर रहा था।
मौसी : तो अब थोड़ा और इंतजार करो।
में : नहीं होता जानेमन, लेकिन तुम कहती हो तो में मेहनत ज़रूर करूँगा।
फिर हम दोनों अंदर के रूम में चले गये और मौसी ने अपनी साड़ी को उतार दिया में बस देख ही रहा था, वाह विनीता तुम्हारा बहुत कमाल का फिगर है।
मौसी : तुम यूँ समझो कि यह तुम्हारे लिए ही है और उन्होंने मेरी तरफ आँख मारी।
फिर वो अपने ब्लाउज को धीरे धीरे खोलने लगी। मेरा सामान पूरी तरह से खड़ा हो गया था और मेरी जीन्स के ऊपर से उभरकर साफ नज़र आ रहा था।
मौसी : क्या में तुम्हारी जीन्स उतारने में मदद करूं?
तो में मुस्कुराया और कहा कि शोक से जानेमन। मौसी फिर से मेरी तरफ आई और उसने मेरी जीन्स को धीरे धीरे करके नीचे उतार दिया। मेरा सामान अंडरवियर में तंबू की तरह खड़ा हुआ था। मौसी अंडरवियर के ऊपर से ही सामान को छूकर बोली कि यह बहुत परेशान नज़र आ रहा है।
में : हाँ आपकी वजह से।
तो उन्होंने मेरी जीन्स को दूर फेंक दिया और बोली कि जब तक में तुम्हारा गिफ्ट ट्राई ना कर लूँ, इसे छूना मत और इतना कहकर उन्होंने मेरे सामान को अंडरवियर के ऊपर से हल्का सा किस किया। में कुर्सी पर अंडरवियर में बैठा हुआ था और फिर मौसी ने धीरे धीरे अपना पेटीकोट उतार दिया और वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी और मेरा सामान बस फूंकार भर रहा था। दिल कर रहा था कि उन्हे अभी चोद दूँ फिर वो मुझे चिढ़ाते हुए पीछे मुड़ी और अपनी ब्रा और पेंटी को उतार दिया और वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। उनकी झांटे भी साफ थी और भुर बिल्कुल दूध की तरह नज़र आ रही थी। गोरा बदन, बड़े बड़े बूब्स और उस पर हल्के भूरे कलर की निप्पल।
मौसी : अब तुम बताओ कि में क्या ट्राई करूं यह ब्रा या पेंटी?
में : अब कुछ ट्राई नहीं भी करोगी तो भी चलेगा।
मौसी : अगर यह बात है तो तुम्हारा गिफ्ट खराब हो जाएगा।
में : विनीता प्लीज थोड़ा इधर आओगी।
तो मौसी मेरी तरफ चलते हुए आई और मेरे चेहरे के सामने घूमकर पूछा कि कहो क्या चाहिए? मैंने बस मेरे हाथों से उनका चेहरा पकड़ा और स्मूच करने लगा, वो भी मस्त होकर स्मूच करने लगी। जब उसने भी मेरा चेहरा पकड़कर स्मूच लगातार किया तो में अपने हाथों को उसके बूब्स पर ले गया और दबाने लगा और ज़ोर से निप्पल पर दबा दिया जिससे उनकी हल्की सी चीख निकल गयी और स्मूच टूट गया।
मौसी : प्लीज, थोड़ा आराम से करो, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।
में : यह हुई ना बात।
तो में खड़ा हो गया और उन्हे दीवार की तरफ खड़ा किया और में ज़ोर ज़ोर से स्मूच करने लगा। वाह क्या मज़ा आ रहा था? में उनके बूब्स को और ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था, लेकिन मेरे स्मूच करने की वजह से उनकी कोई भी आवाज नहीं निकली और फिर में उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनके बूब्स पर पहुंच गया। मैंने उनके निप्पल को काटना शुरू किया और वो पागलों की तरह मोन करने लगी और में अपना दूसरा हाथ नीचे उनकी भुर पर ले गया और धीरे धीरे सहलाने लगा। तो मैंने महसूस किया कि उनकी भुर अब तक बहुत गीली हो चुकी थी और फिर में अपनी उंगली उनकी भुर में घुसाकर अंदर बाहर करने लगा और इस बीच उन्होंने मेरा सर पकड़कर जमकर किस लिया और कहा कि प्लीज अब रहा नहीं जाता, बस छोड़ दो मुझे। तो में तभी अपनी उंगली को भुर से बाहर निकालकर खड़ा हो गया और कहा कि तुम्हे मेरे कपड़े उतारने होंगे और वो मेरी तरफ बढ़ी और मेरा अंडरवियर निकालने लगी।
में एक बार अपने अंडरवियर में झड़ चुका था जिसकी वजह से वो गीली नज़र आ रही थी। तो मैंने कहा कि पहले ऊपर से मेरे कपड़े उतारो और फिर अंडरवियर। उसने फिर से नीचे से ऊपर आते हुए मेरी टी-शर्ट को खींचा और उतारकर फेंक दिया और फिर मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरे अंडरवियर को उतार दिया और अब में भी नंगा हो गया था और मेरा सामान पूरी तरह जोश में तनकर खड़ा हुआ था। तो मौसी बोली कि इतने सालों के बाद आज में सामान देख रही हूँ काश तुम आज की तरह पहले मुझसे मिले होते और उन्होंने सीधा मेरा सामान चूसना शुरू कर दिया, में खुशी से पागल हो रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। क्योंकि मौसी बहुत ज़ोर से चूस रही थी। में समझ गया कि में ज़्यादा देर तक संभाल नहीं सकूँगा और कुछ देर के बाद मैंने मेरा पूरा वीर्य उनके मुहं में डाल दिया और वो पूरा पी गयी, उन्होंने फिर से मेरे सामान को चाट चाटकर साफ किया। जिसकी वजह से मेरा सामान फिर से तन गया और वो फिर से मेरे ऊपर आई और उसने फिर से स्मूच किया और हम दोनों फिर से बिस्तर पर थे। एक दूसरे को स्मूच करते हुए हमे जन्नत का अहसास महसूस हो रहा था। तो मैंने कहा कि मौसी अब मुझे आपकी भुर के अंदर सामान डालना है।
मौसी : में अब तुम्हारी विनीता हूँ, मौसी नहीं और अकेले में आज के बाद बस मेरा नाम लेना।
तो मैंने उनको फिर से एक किस किया और कहा कि ठीक है विनीता। मैंने अपने सामान के सुपाड़े को उनकी भुर के दरवाजे पर रखकर धीरे धीरे घिसते हुए ऊपर उनके होठों का रस पी रहा था, लेकिन मौसी जैसे सामान लेने के लिए तड़प रही हो ऐसे सिसकियाँ ले रही थी और वो सामान को पकड़कर उनकी भुर में डालने की कोशिश करने लगी। तो में समझ गया कि अब वक़्त आ गया है उनकी भुर को चोदने का। तो मैंने उनके रसीले होंठो को छोड़ा और खड़ा होते हुए उन्हे बेड पर आधा लेटाया, जिससे उनका पैर ज़मीन पर था और फिर मैंने उनके पैरों को उठाकर मेरे कंधे पर रखा और मेरे सामान को धीरे से उनकी भुर के मुहं पर दबाने लगा। वो बस चीख पड़ी अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह् सिद्धार्थ आईईइ कितना बड़ा है तुम्हारा सामान बस अंदर से अब बाहर मत निकलना और बस फाड़ दे आज मेरी प्यासी भुर को, यह बहुत तड़पती है। मेरी भुर ने इतने साल में सामान लिया है। तो मैंने मुस्कुराकर उन्हे देखा और फिर से एक ज़ोर का झटका दिया जिससे मेरा पूरा सामान उनकी भुर में घुस गया और वो बस बेड पर एकदम उछल सी पड़ी, लेकिन उनके पैर मेरे कंधे पर होने की वजह से वो ज़्यादा कुछ ना कर सकी। फिर मैंने धीरे धीरे सामान को अंदर बाहर करना शुरू किया और मैंने देखा कि मौसी भी अपनी गांड को उछाल रही थी और मेरा पूरा का पूरा सामान अंदर था, लेकिन दोस्तों मौसी की भुर क्या ग़ज़ब की टाईट थी। मेरा सामान हर एक धक्के पर उसकी भुर की दीवार से रगड़ खाकर अंदर बहर हो रहा था, जिसका मुझे अब धीरे धीरे अहसास होने लगा था।
में : विनीता तेरी भुर इतनी टाईट है, क्या तुम्हारा पति तुम्हे चोदता नहीं था?
मौसी : उन्हे गुज़रे हुए 15 साल हो गये है और उनके छोटे से सामान से शायद ही कभी मेरी भुर फटी होगी।
में : ठीक है आज से में ख्याल रखूँगा और अब में तुम्हारी भुर का भोसड़ा बना दूँगा।
तो मैंने उनके ऊपर आकर एक स्मूच ली, मौसी बहुत गीली हो चुकी थी और पूरे रूम में मेरे हर धक्के पर फकच फकच की आवाज़ आ रही थी और आवाज़ से में और भी उत्साहित हो रहा था। करीब 15 मिनट के बाद में भी अब झड़ने वाला था तो मैंने मौसी से बोला कि विनीता अब में भी झड़ने वाला हूँ, बोलो अब में क्या करूं और यह वीर्य कहाँ निकालूं?
मौसी : प्लीज मेरे अंदर ही गिराना, में बहुत सालों से प्यासी हूँ, प्लीज सिद्धार्थ।
फिर क्या था? मैंने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू किये और कुछ ही पल में मैंने मेरा सारा माल मौसी की भुर में डाल दिया और में उनके ऊपर कुछ देर तक लेटा रहा और हम दोनों ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रहे थे और मौसी भी अब झड़ चुकी थी और वो भी हांफ रही थी। मैंने फिर से उनका स्मूच लिया और उन्हे कहा कि “हैप्पी वेलेंटाइन डे” तो वो भी मुस्कुराई और बोली कि हमारे पास वेलेंटाइन डे मनाने के लिए रात 8 बजे तक का वक़्त है इसलिए में आज पूरी रात मनाना चाहूँगी। तो मैंने फिर से मौसी को चूमा और उसके बाद मैंने मौसी को दो बार और किया.
आपको यह कहानी कैसी लगी अपना प्रतिभाव जरुर कमेन्ट बॉक्स में लिखे. मौसी जैसी देखने वाली हॉट आंटीओ की तस्बीरे यंहा रखी है उसके ऊपर क्लिक करने से पूरा आल्बम खुलेगा.
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